दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी से 2013-14 सत्र में पास हुए स्टूडेंट्स के लिए राहत भरी खबर है. दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया गया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी के तीनों सेंटरों का निरीक्षण किया है और साल 2013-14 के सत्र में पास हुए छात्रों का एडवोकेट के तौर पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए सिफारिश की है.
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ से दिल्ली यूनिवर्सिटी के वकील ने यह भी कहा कि लॉ फैकल्टी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जिसमें निरीक्षण के दौरान की गई प्रतिकूल टिप्पणी के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘दिल्ली यूनिवर्सिटी के वकील मोहिंदर जे एस रूपल हमारे ध्यान में लाए हैं कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने निरीक्षण दल द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर 12 जनवरी 2015 को एक आदेश दिया जिसमें सत्र 2014-15 तक संबद्धता को मंजूरी की सिफारिश की गई है.’
अदालत ने कहा, ‘यह भी गौर किया गया कि कुलपति, सभी प्रमुखों, डीन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के तीनों लॉ सेंटरों के प्रोफेसर इनचार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जिसमें निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियों पर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है.’
अदालत ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में हम आठ सप्ताह तक मामले की सुनवाई स्थगित करना उचित मानते हैं.’ बार काउंसिल से संबद्धता जारी रखने हेतु निरीक्षण के लिए यूनिवर्सिटी के आवेदन करने के बाद तीनों लॉ सेंटरों का सात सदस्यों वाली एक टीम ने निरीक्षण किया था.
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